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Wasiyat व्यक्ति की आखिरी मर्जी | Best Property will 2024

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थोड़े दिन पहले Gujarat High Court ने मानसिक रूप से बीमार person की property को लेकर उनके relatives द्वारा कथित रूप से बनाई गई Wasiyat को invalid मानते हुए उसे illegal बताया है।

वडोदरा में एक महिला Shraddha Majmudar एक महाविद्यालय में Lecturer थींं,  श्रद्धा मजमूदार को बाद में schizophrenia नामक बीमारी हो गई।

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High Court ने कहा- Wasiyat संपत्ति के owner की फ्रीडम choice रूप से पसंद की अभिव्यक्ति का साधन होना चाहिए। वह mentally रूप से बीमार नहीं है तो ही manager द्वारा उस property की देखभाल की power का इस्तेमाल किया जा सकता है।

आज open kanoon में Wasiyat के बारे में जानेंगे और यह आपके जीवन में इसकी क्या इम्पोटेंटसी है।

Wasiyat kya hoti hai

wasiyat वह Kanooni दस्तावेज है। जिसमें सम्पत्ति व सम्पत्ति के उत्तराधिकारियों के हिस्सों का पूर्ण रूप से वर्णन प्राप्त होता है।

वसीयत -परिवार के प्रधान सदस्य द्वारा अपनी सम्पत्ति का विवरण होता है। जिसे वह अपने परिवार के सदस्यों में समान रूप से विभाजित करता है। व दो गवाहों की उपस्थिति के साथ रजिस्ट्री कार्यालय में दर्ज करवाता है। 

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जिस पर्सन ने वसीयत तैयार करवाई है। वह जीवित रहते हुए कभी भी अपने उत्तराधिकारियों को बदल सकता है। 

क्यों वसीयत कराने की अहमियत बढ़ी है। – 

Advocate भीम सिंह के अनुसार, INDIA में चल रहे Civil के सभी cases में से 66% land or property से संबंधित हैं। disputes की जमीनों के Pending cases कोर्ट में 50-50 years से लटके पड़े हैं। यह Wasiyat तैयार नहीं कराने से ऐसा हुआ है। 

Advocate भीम सिंह बताते है। कि पहले joint families हुआ करती थी। आज metros and cities में न्यूक्लियर फैमिली का concept है। career व house and car जैसे dreams को साकार करने की खातिर More people देर से married कर रहे हैं। इन reasons से Wasiyat ( Will ) का महत्व बढ़ा है।

अब सारा काम online हो गया है। सभी काम कुछ सेकंड में पूरे कर लिए जाते है। परिवार के किस सदस्य ने कितनी पॉलिसी, कितने bank account है यह पता ही नहीं चलता है। वसीयत करना इसलिए भी जरुरी हो गया है। 

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प्रश्नः – सुखविंदर सिंह ने मेरठ, उत्तर प्रदेश से पूछा है कि – क्या पति के जीवित रहते पत्त्नी का सम्पत्ति में हक़ सम्मलित होता है।

Hindu Succession Act -1956 के अनुसार, एक पत्त्नी को यह अधिकार तब तक नहीं प्राप्त होगा जब तक उसका पति जीवित है। अगर उसका husband वसीयत में property किसी और को दे, तब भी wife काे property में कोई share नहीं मिलेगा।

उस महिला का Rights प्रॉपर्टी वह व्यक्ति जिससे शादी हुई उसके द्वारा अर्जित property तभी प्राप्त होगी जब उसे को -ऑनर के रूप में जोड़ दिया जाता है।

यदि husband की Wasiyat बनाने से पहले मृत्यु हो जाती है तो उसकी बनाई property पर उसकी wife and children के साथ-साथ उसकी mother का भी अधिकार होता है।

यदि Will बनाए बिना ही House में पिता की मौत हो गई है तो sons को आपस में property बांटने के लिए अपनी sisters से कोर्ट में NOC यानी No Objection Certificate लेना होगा।

किसी भी विल की मजबूती में पहुंचने के लिए भरोसेमंद witnesses होने जरूरी होते हैं। Advocate Anil Singh बताते हैं कि fake will बनाना IPC की धारा 420, 467, 468 व  471 के तहत Offance है। इस प्रकार का कार्य करने पर 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों मिल सकते है। 

वसीयत होने के बाद क्या होता है?

वसीयतकर्ता जब तक जीवित है तब तक वह शून्य रूप में विधमान रहती है परन्तु वसीयतकर्ता की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी वसीयत के अनुसार अपना हिस्सा पा लेते है। 

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