pmla act का कार्य अवैध तरीकों से प्राप्त धन का पता लगाना और उनके रोकथाम के उपाय लागू कर दोषी व्यक्तियों को दण्डित करना है।
Prevention of Money Laundering Act (PMLA) 2002 में Indian Government द्वारा अधिनियमित कानून का एक हिस्सा है, जिसका aims मनी लॉन्ड्रिंग activities का मुकाबला करना व illegal types से आय की उत्पत्ति को रोकना है।
मनी लॉन्ड्रिंग में कितने साल की सजा होती है|
मनी-लॉन्ड्रिंग में शामिल सभी अपराधियों पर pmla act-2002 के तहत 14 वर्ष की कठोर सजा का प्रावधान है। दोषी व्यक्ति अपने अवैध रूपये को वैध करने के नए -नए तरीके शामिल करता है।
यह अधिनियम money laundering से होने वाले खतरे को रोकने व Financial Action कार्य बल (FATF) द्वारा निर्धारित कानूनी मानकों का रूल्स फॉलो करने के वैश्विक effort के हिस्से के रूप में लागू किया गया था,
अवैध आय से प्राप्त संपत्ति की कुर्की व जब्ती –
pmla के Importent प्रावधानों में से एक वह Power है जो Officers को Crime की Income मानी जाने वाली Property को जब्त करने की Power देती है।
यह आवयशक बन जाता है की गलत प्रकार से आई किसी भी चल-अचल Property से Income का रोटेशन ना घूमे।
शामिल वित्तीय संस्थानों या बैंकों खातों की जांच –
pmla banks व इसमें उपयोग financial institutions और other intermediaries पर अपने customers की पहचान सत्यापित करने, records बनाए रखने और Financial Intelligence Unit-India (FIU-IND). को जानकारी प्रस्तुत करने के लिए दिशा निर्देश देने की Power है।
Pmla 2002 को भारत में कब लागू किया गया था-
माननीय पूर्व PM Atal Vajpayee government के टाइम साल 2002 में बनाया गया pmla kanoon मनमोहन सिंह की UPA government के टाइम जुलाई – साल 2005 में लागू हुआ।
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